Janmashtami kyu manaya jata hai : जन्माष्टमी कब मनाया जाता है?

दोस्तों जन्माष्टमी की प्रतीक्षा हर भगत करता है भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस पर विभिन्न प्रकार के झाग्य निकल कर इस दिन को मनाया जाता है लेकिन दोस्तों क्या आप भगवान श्री कृषा के जन्म के संबंधित कहानी जानते है क्या आप जानते है कि जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है आज हम आपको बताने वाले है आगे पड़े

Janmashtami kyu manaya jata hai
Janmashtami kyu manaya jata hai

दोस्तों भगवान विष्णु ने इस धरती में पापियो से मुक्त करवाले के लिए भगवान श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था श्री कृषा ने देवकी और वासुदेव के आंठवे पुत्र के रूप में जन्म लिया था मथुरा के राजा कंस बड़ा ही ज़ालिम था उसके अत्याचार दिन बाँ दिन बढ़ते जा रहे थे उसके राज्य के प्रतेक नागरिक अत्याचार से तंग हुया था एक बार आकाश वाणी हुई कि उसकी बहन देवकी का आंठवे पुत्र कंस का वध करेगा यह सुन कर राजा कंस काफ़ी करोधित हुया तथा उसने करोध में आ कर अपनी बहन देवकी और उसके पति वासुदेव को काल कोठरी में बंदी बना लिया तथा सेनिको पे उनके ऊपर नज़र रखने का आदेश दिया सेनिको को कहा गया कि जब की देवकी बच्चे को जन्म दे मुझे तुरंत सूचना दी जाये इसके बाद राजा कंस ने एक एक कर के देवकी के सात बच्चों को मार डाला लेकिन जब देवकी ने आंठवे पुत्र को जन्म दिया तो भगवान विष्णु ने वासुदेव को आदेश दिया कि श्री कृष्ण को गोकुल में यशोदा माता तथा नंद बाबा के घर पहुँचा दिया जाये ताकि में मामा कंस से सुरक्षित रह सके इसके बाद वासुदेव ने श्री कृष्ण को यशोदा माता तथा नंदलाल के पास भेज दिया तथा उनके जन्मे बच्चे को लेकर वापिस काल कोठरी में आ गया वासुदेव के जाने और आने तक जेल के सभी सिपाही भगवान विष्णु की माया से मूर्छित पड़े हुए थे जब कंस को देवकी के अंथवे पुत्र का होने का पता चला तो उसने जेल में आकर अंथवे पुत्र मार डाला तथा आकास के तरफ़ देख कर ख़ुशी के मारे चिलाने लगा और बोला कि देखो मैंने आकाश वाणी को बदल दिया मेरे मोत को मैंने अपने हाथो से मोत दे दिया लेकिन उसे मालूम नहीं था कि उसकी मृतु सुरक्षित गोकुल धाम में पहुँच चुकी है श्री कृष्ण का लालन और पालन माता यशोदा तथा नंद बाबा के देख रेख में शुरू हुया तथा श्री कृष्ण के बड़े होने पर उन्होंने कंस का वध कर के नगरी को अत्याचार से मुक्त कर दिया । भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिन में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।

भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेने के बाद जन्माष्टमी मनाया जाता है माता यशोदा तथा नंद बाबा के साथ सम्पूर्ण गाँव साथ मिलकर पहला जन्माष्टमी का त्योहार मनाया था उसके बाद सारे देश में प्रति वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाने लगा श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तारीक में हर साल बदलाव होता है इस वर्ष जन्मास्तमी का त्योहार 26 अगस्त मनाया जायेगा ।

जन्माष्टमी कब मनाया जाता है?

भद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान नारायण ने देवकी और वासुदेव से कृष्ण के रूप में जन्म लिया माता देवकी मथुरा के अधर्मी राजा कंस के बहन थी और भगवान श्री कृष्ण का जन्म अधर्मी का नास करने के लिया हुया था भगवान श्री कृष्ण ने 14 वर्ष की उम्र में कंस का वध किया था। जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म दिवस् पर मनाया जाता है।

कंस कौन था ?

कंस भगवान श्री कृष्ण के माता देवकी के भाई थे और मथुरा का राजा था

जन्माष्टमी कैसे मनाते है ?

जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिन में मनाया जाता है भगत अपने इच्छा अनुशार भगवान का सेवा करता है और भगवान को खुश करता है जैसे की भगवान श्री कृष्ण जी को पालने में बैठाते है इस त्योहार में कही मेला लगता है कही झगिया निकाला जाता है