Khait Parvat Pariyo Ka Desh : खैट पर्वत परियों का रहस्यमयी देश ?

Khait Parvat Pariyo Ka Desh
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परियों की भूमि की ओर पहला कदम

उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित एक ऐसा पर्वत है, जिसे स्थानीय लोग खैट पर्वत कहते हैं। हिमालय की गोद में बसा यह स्थान जितना सुंदर है, उतना ही रहस्यमयी भी। सदियों से यहां के स्थानीय निवासियों का विश्वास रहा है कि खैट पर्वत पर परियों का वास है। यहां की चुप्पी, सुबह की धुंध, और रात में सुनाई देने वाली रहस्यमयी आवाज़ें कुछ कहती हैंकुछ ऐसा जो विज्ञान से नहीं, बल्कि आस्था और कल्पना से जुड़ा है।

खैट पर्वत का प्राकृतिक सौंदर्य

खैट पर्वत की ऊंचाई लगभग 2200 मीटर है, और यहां तक पहुँचने का रास्ता किसी रोमांच से कम नहीं। घने चीड़ और देवदार के जंगल, मीठे झरने, और रास्ते में दिखने वाले जंगली फूल आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं। यहाँ की हवा में एक सुगंध है, जो कहीं और नहीं मिलतीशायद परियों की खुशबू?

परियों की कथाएँ: लोक कथाओं में सजी सच्चाई

स्थानीय बुजुर्गों से बात करने पर आपको अनेक किस्से सुनने को मिलेंगे। कोई बताएगा कि एक रात वह जंगल में रास्ता भटक गया और एक रौशनी से घिरी स्त्री ने उसे सही रास्ता दिखाया। किसी ने बताया कि पर्वत की चोटी पर कभी-कभी रात्रि के समय नृत्य और संगीत की मधुर ध्वनि सुनाई देती है।

एक प्रचलित कथा के अनुसार, पूर्णिमा की रात, खैट पर्वत पर सफेद वस्त्रों में सजी परियाँ आती हैं और पर्वत की चोटी पर नृत्य करती हैं। कोई मनुष्य उन्हें देख ले, तो वह जीवन भर सौभाग्यशाली रहता है।

पर्यटन और रहस्य के बीच संतुलन

हाल के वर्षों में खैट पर्वत धीरेधीरे पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध हो रहा है, लेकिन यह अभी भी एक छुपा हुआ रत्न है। यहां न कोई भीड़ होती है, न कोई शोरसिर्फ प्रकृति की आवाज़ और कल्पनाओं की फुसफुसाहटें। यह वह जगह है, जहां आप खुद को खोकर खुद को पा सकते हैं।

एक अनुभव, जो आत्मा को छू जाए लोगो का कहना है

मैंने जब पहली बार खैट पर्वत की चोटी पर कदम रखा, तो मन में एक अनकहा सुकून महसूस हुआ। जैसे कोई अदृश्य शक्ति मुझे स्पर्श कर रही हो। सूरज की किरणों में चमकती ओस की बूंदें, हवा में तैरती परछाइयाँ, और मन में उठते सवाल—क्या सच में परियाँ होती हैं?

शायद जवाब किसी किताब में नहीं, बल्कि उस चुप्पी में छिपा है जो खैट पर्वत की हवा में बसी है।

क्या आप तैयार हैं परियों की दुनिया में कदम रखने के लिए?

अगर आप भी उन यात्रियों में से हैं, जिन्हें सिर्फ स्थलों से नहीं, उनकी आत्मा से प्रेम है, तो खैट पर्वत आपका अगला ठिकाना हो सकता है। कौन जाने, शायद अगली पूर्णिमा की रात, कोई परी आपकी आँखों के सामने आ ही जाए…

अधिक जानकारी के लिए आप वीडियो देख सकते है

खैट पर्वत कैसे पहुँचें?

खैट पर्वत, उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के धौलादेवी ब्लॉक में स्थित एक शांत और रहस्यमयी स्थान है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको कई चरणों में यात्रा करनी होती है, लेकिन हर कदम आपको परियों की दुनिया के और करीब ले जाता है।

1. नजदीकी प्रमुख शहर: हल्द्वानी/काठगोदाम

  • सबसे पहले, आप हल्द्वानी या काठगोदाम पहुँचे। ये दोनों स्टेशन उत्तराखंड के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से हैं।
  • दिल्ली से हल्द्वानी के लिए नियमित ट्रेनें और Volvo बसें चलती हैं।
  • दूरी:
    • दिल्ली से हल्द्वानी: लगभग 280 किलोमीटर
    • समय: ट्रेन से 6-7 घंटे

2. हल्द्वानी से अल्मोड़ा

  • हल्द्वानी या काठगोदाम से आपको टैक्सी या बस से अल्मोड़ा जाना होगा।
  • दूरी: लगभग 90 किलोमीटर
  • समय: लगभग 3-4 घंटे
  • रास्ता सुंदर पहाड़ी दृश्यों से भरपूर है।

3. अल्मोड़ा से बाडेछीना गाँव

  • बाडेछीना (Badechina) खैट पर्वत का बेस गांव है, जो अल्मोड़ा से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।
  • यहां तक पहुँचने के लिए टैक्सी या लोकल जीप मिल जाती है।

4. बाडेछीना से खैट पर्वत ट्रेक

  • बाडेछीना से खैट पर्वत की चोटी तक एक आसान-से-मध्यम श्रेणी का 3-4 किलोमीटर लंबा ट्रेक है।
  • पैदल चलते हुए आपको घने जंगल, पगडंडियाँ, और कई जगहों पर मनमोहक दृश्य मिलते हैं।
  • ट्रेक में लगभग 1.5 से 2 घंटे लगते हैं।

महत्वपूर्ण सुझाव:

  • ट्रेक के लिए अच्छे जूते और पानी की बोतल ज़रूर साथ रखें।
  • गर्म कपड़े और रेनकोट मौसम के अनुसार लें।
  • अगर आप पहली बार जा रहे हैं, तो किसी स्थानीय गाइड के साथ जाना बेहतर रहेगा।
  • मोबाइल नेटवर्क सीमित हो सकता है, इसलिए ऑफलाइन मैप्स डाउनलोड करके रखें।

नजदीकी हवाई अड्डा:

  • पंतनगर एयरपोर्ट (हल्द्वानी से लगभग 30 किमी) सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
  • दिल्ली से यहाँ के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं।

 

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