“Shubhanshu Shukla Astronaut – India ke 2nd Astronaut ki Real Life Space Journey!” जानिए गगनयान मिशन के इस हीरो की कहानी

Shubhanshu Shukla Astronaut

भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। राकेश शर्मा के बाद अब भारत को दूसरा अंतरिक्ष यात्री मिलने जा रहा है — Shubhanshu Shukla Astronaut जो गगनयान मिशन का हिस्सा होंगे। आइए जानें कौन हैं शुभांशु शुक्ला, उनका सफर और गगनयान मिशन से जुड़ी खास बातें। शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष पहुचने में लगभग करीब 28 घंटे की यात्रा करनी है लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा पर निकले हैं। उन्होंने बुधवार की दोपहर वहां से पहला संदेश भेजा। शुभांशु को सीएम योगी ने भी बधाई दी है और इसे भारत की वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक भागीदारी की अद्भुत मिसाल बताया।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

Shubhanshu Shukla Astronaut उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और भारतीय वायुसेना (IAF) में पायलट रह चुके हैं। उनका चयन इसरो (ISRO) और गगनयान मिशन के लिए हुआ है। वे भारतीय वायुसेना में एक प्रशिक्षित टेस्ट पायलट भी रहे हैं, जिनका अनुभव और कौशल उन्हें अंतरिक्ष मिशन के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है।

गगनयान मिशन क्या है?

गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जिसे इसरो (Indian Space Research Organisation) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस मिशन के अंतर्गत भारत अपने अंतरिक्ष यात्रियों (Gagannauts) को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजेगा।

  • लॉन्च एजेंसी: ISRO
  • लॉन्च विंडो: 2025 के शुरुआत तक
  • स्पेसक्राफ्ट: गगनयान
  • क्रू मेंबर: 4 में से 1 या 2 अंतरिक्ष यात्री भेजे जाएंगे
  • अंतरिक्ष में समय: लगभग 5–7 दिन

शुभांशु शुक्ला की शिक्षा और ट्रेनिंग

  • शुभांशु ने भारतीय वायुसेना से ट्रेनिंग प्राप्त की है।
  • उन्हें रूस के Gagarin Cosmonaut Training Center में विशेष अंतरिक्ष प्रशिक्षण भी मिला है।
  • वहां उन्होंने ज़ीरो ग्रेविटी, स्पेस सिमुलेशन, मेडिकल फिटनेस, और टेक्निकल ट्रेनिंग पूरी की है।

भारत के अंतरिक्ष इतिहास में दूसरा नाम

  • भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे, जिन्होंने 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा की थी।
  • अब करीब 40 साल बाद शुभांशु शुक्ला भारत की ओर से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे व्यक्ति होंगे (यदि वे चयनित होते हैं)।
  • उनका नाम भारत की वैज्ञानिक प्रगति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन सकता है।

क्यों है शुभांशु शुक्ला खास?

विशेषताविवरण
अनुभवभारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट
ट्रेनिंगरूस में स्पेस ट्रेनिंग पूरी
देशभक्तिभारत के पहले स्वदेशी मिशन का हिस्सा
प्रेरणायुवाओं के लिए रोल मॉडल

Shubhanshu Shukla ने अपनी Ax‑4 (Axiom Mission 4) उड़ान से पहले भारत और देशवासियों के लिए एक भावनापूर्ण और प्रेरणादायक संदेश साझा किया। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा:

शुभांशु शुक्ला का संदेश – देश के नाम

  • “मैं सिर्फ उपकरण नहीं, बल्कि 1.7 बिलियन (कुछ रिपोर्टों में 1.4 बिलियन) भारतीयों की उम्मीदों और सपनों को लेकर जा रहा हूँ।” उन्होंने बताया कि वे अंतरिक्ष में सात वैज्ञानिक प्रयोग कर करेंगे, जो भविष्य की शोध और मिशनों के लिए सुरक्षित जानकारी देंगे
  • “मंदिरों, स्कूलों, space‑industry के लोगों से लाइव सेशन्स होंगे। एक भी छात्र अगर बड़ा सपने देखे, हम सफल होंगे।” उन्होंने छात्रों, शिक्षकों को जोड़ने और प्रेरित करने का मकसद रखा ।
  • “एक हंस ज़ीरो‑जी इंडिकेटर के रूप में होगा — शुद्धता, बुद्धि और गरिमा का प्रतीक।” उन्होंने मिशन में उपयोग होने वाले प्रतीकों से भावनात्मक जुड़ाव बताया ।
  • “मैं पृथ्वी याद करूँगा, फ्लोटिंग जीवन सीखूँगा, microgravity में यौगिक गतिविधियां करना रोमांचक होगा।” भावनात्मक और उत्साहपूर्ण शब्द
  • “मैं देश में सभी से प्रार्थना की अपील करता हूँ — मिशन सफल बने। कहने को सितारे दूर हैं पर attainable हैं… Jai Hind।” उन्होंने देशवासियों से दुआओं की गुहार लगाई ।

साथियों का संदेश

  • राकेश शर्मा (भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री) ने शुभांशु को सलाह दी: “सावधानी से ऑपरेशन करें, अच्छी तरह देखें और एक नए इंसान बनकर लौटें”
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी टॉम पेस्क्वेट (ESA) ने कहा: “Trust your training… keep calm… enjoy the ride… take pictures… very safe mission… happy landing.”
  • UAE के Hazzaa AlMansoori ने कहा: “Enjoy your experience… capture a lot of photos… wish you happy landing… wish him all the luck and pray for him.”

सुझाव: थंबनेल टेक्स्ट

“गगनयान मिशन 2025 – मिलिए भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से 🚀🇮🇳”
filmydiary.in | Space News in Hindi

निष्कर्ष:

शुभांशु शुक्ला का नाम अब भारतीय अंतरिक्ष मिशन के इतिहास में लिखा जाने वाला है। उनके जैसे युवाओं के प्रयासों और देशभक्ति के कारण ही भारत आज अंतरिक्ष की दुनिया में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। गगनयान मिशन सिर्फ एक तकनीकी मिशन नहीं, बल्कि भारत की अंतरिक्ष शक्ति का प्रतीक है।

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